नवजात शिशु की नींद: कितने घंटे, नींद के पैटर्न और सुरक्षित नींद के उपाय

नवजात शिशु के जीवन में नींद का महत्व अत्यधिक है। यह उसे न केवल शारीरिक विकास में मदद करती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक विकास में भी सहायक होती है। नवजात शिशु की नींद से जुड़ी अनेक बातें होती हैं जिन्हें माता-पिता को समझना और अपनाना चाहिए।


नवजात बच्चा कितने घंटे सोता है:

एक नवजात बच्चा आमतौर पर 16 से 18 घंटे प्रतिदिन सोता है। हालांकि, यह नींद पूरे दिन और रात में बिखरी होती है और एक बार में अधिकतम 3 से 4 घंटे लगातार सो सकता है। नवजात शिशु की नींद का चक्र धीरे-धीरे बदलता है और जैसे-जैसे वह बढ़ता जाता है, उसकी नींद का समय भी नियमित होता जाता है।


बच्चों की नींद के पैटर्न:

नवजात शिशु का नींद पैटर्न वयस्कों से भिन्न होता है। जहां वयस्क की नींद का एक बड़ा हिस्सा आरईएम नींद पर होता है, वहीं नवजात शिशु की 50% नींद आरईएम अवस्था में होती है। यह आरईएम नींद और नवजात शिशु की मानसिक और स्नायुतंत्र विकास के लिए महत्वपूर्ण होती है।


नवजात शिशु के लिए सुरक्षित नींद कैसे सुनिश्चित करें:

शिशु की नींद के लिए सुरक्षित वातावरण बनाना बहुत जरूरी है। शिशु को बैक पोजीशन में सुलाएं और उसका सिर स्थिर रखें। पालना में कोई ढीले वस्त्र या खिलौने नहीं होने चाहिए, जो शिशु के लिए खतरा बन सकते हैं। नवजात शिशु के लिए सही नींद की स्थिति बनाए रखना उसके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।


शिशु की नींद के संकेत पहचानें:

शिशु थकान के संकेत देता है जैसे कि आंखों को मलना, पैर पटकना या चिड़चिड़ाना। जब आप ये संकेत देखें, तो यह सही समय होता है कि आप उसे सुलाने की कोशिश करें। शिशु की नींद के संकेत पहचानने से आपको उसके नींद की दिनचर्या बनाने में मदद मिलेगी।


शिशु के लिए सोने की दिनचर्या:

नवजात शिशु की बेहतर नींद के लिए एक नियमित सोने की दिनचर्या बनाएं। इसे निश्चित समय पर सुलाएं और निश्चित समय पर उठाएं। यह दिनचर्या उसके सर्केडियन रिदम के विकास में मदद करेगी।


दिन और रात का अंतर नवजात शिशु को सिखाना:

शिशु को दिन और रात का अंतर सिखाने के लिए आप दिन में खेलने की गतिविधियों को शामिल कर सकते हैं और रात में शांतिपूर्ण माहौल बना सकते हैं। धीरे-धीरे यह उसे समझने में मदद करेगा कि रात को सोना चाहिए और दिन को जागना।


नवजात शिशु के लिए रात का भोजन:

रात में नवजात शिशु को भूख लग सकती है, इसलिए यह जरूरी है कि माँ रात को उसके लिए दूध तैयार रखें। रात के समय सही पोषण शिशु के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।


शिशु की नींद के सुझाव और डॉक्टर से सलाह:

शिशु की नींद के लिए कारगर उपाय आजमाएं जैसे हल्का झूला देना, गुनगुने पानी से नहलाना, या धीमी आवाज में लोरी गाना। अगर आपको शिशु की नींद को लेकर कोई चिंता है, तो शिशु की नींद के लिए डॉक्टर से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।


माता-पिता की अपेक्षाएं और उनका शिशु की नींद के साथ तालमेल बैठाना दोनों के लिए ही फायदेमंद होता है। इस प्रकार की जानकारी से लैस होकर माता-पिता अपने नवजात शिशु के लिए उचित नींद सुनिश्चित कर सकते हैं, जिससे उसका समग्र विकास सुचारू हो सके。


यह सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग आपके डॉक्टर, बाल रोग विशेषज्ञ या अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर की सलाह के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। यदि आपके कोई प्रश्न या चिंताएँ हैं, तो आपको स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना चाहिए।
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