जब एक नवजात शिशु का जन्म होता है, तो उसकी नाभि के साथ एक अद्वितीय प्रक्रिया जुड़ी होती है। नाभि के माध्यम से शिशु को गर्भ में पोषण मिलता है और जन्म के बाद यह एक छोटा सा कर्ड के रूप में शरीर पर रह जाता है। इसके बाद माता-पिता को इसके उचित देखभाल और इलाज के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि शिशु की नाभि स्वस्थ रहे।
जब बच्चे का जन्म होता है, तो डॉक्टर उस नाभि को काटते हैं, जिससे नवजात के पेट पर एक कर्ड रह जाता है। इसे ठीक से देखभाल करना आवश्यक होता है ताकि यह समय रहते सूख जाए और गिर जाए। यह प्रक्रिया स्वाभाविक रूप से होती है और इसमें किसी विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।
शिशु की नाभि को साफ रखना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि संक्रमण से बचा जा सके। निम्नलिखित तरीकों से आप नाभि की सफाई कर सकते हैं:
नरम कपड़े या कॉटन स्वैब से सफाई करें: शिशु की नाभि के आसपास त्वचा को हल्के से साफ करें।
गुनगुने पानी का उपयोग करें: सफाई के लिए केवल गुनगुना पानी उपयोग करें, साबुन का उपयोग न करें।
हल्के हाथ से पोंछे: सफाई के बाद क्षेत्र को हल्के हाथ से पोंछे और सूखने दें।
जब तक नाभि कर्ड गिर नहीं जाता, तब तक शिशु को पूरी तरह से पानी में बैठाना नहीं चाहिए। इसके बजाय, आप शिशु को स्पॉन्ज बाथ दे सकते हैं। गर्दन, हाथ-पैर और डायपर क्षेत्र को विशेष ध्यान देकर साफ करें।
कभी-कभी डॉक्टर नाभि की ड्रेसिंग करने का सुझाव दे सकते हैं। लेकिन सामान्य स्थितियों में यह आवश्यक नहीं होता। यदि डॉक्टर का परामर्श है, तो उसकी हिदायतों का पालन करें।
नाभि की ठीक से देखभाल करने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। कुछ बातों का ध्यान रखें जैसे कि नाभि को खुला रखें और डायपर को नाभि से दूर रखें।
संक्रमण के कुछ लक्षणों पर ध्यान दें:
संक्रमण के मामले में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। डॉक्टर आवश्यक दवाइयां या मरहम की सलाह देंगे जो संक्रमण को ठीक कर सके।
सफाई के दौरान सजग रहें और हर बार सफाई के बाद क्षेत्र को सूखा रखें। ✍️
शिशु की नाभि का स्वास्थ्य सुनिश्चीत करने के लिए सही देखभाल और सतर्कता रखें। संक्रमण से बचाव करना और नाभि का प्राकृतिक गिरना अति महत्वपूर्ण है।
यदि नाभि गिरने में सामान्य से अधिक समय ले रही है या कोई असामान्य लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो बाल चिकित्सा विशेषज्ञ से संपर्क करें। उनकी सलाह के अनुसार नवजात की नाभि की समस्या को संबोधित करें।
नवजात के लिए नाभि की देखभाल महत्वपूर्ण है और इसके लिए सही ज्ञान और सतर्कता की आवश्यकता होती है। इन उपायों के माध्यम से माता-पिता अपने शिशु की नाभि को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।